रिपोर्टर-कजोड गुर्जर
टोंक । टोंक में अनुसूचित जाति, जनजाति प्रकरण में विशिष्ट न्यायाधीश ने सात साल पुराने हत्या के मामले में आज तीन भाइयों समेत चार जनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है… साथ ही 25 – 25 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया…
आरोपियों ने जमीनी विवाद के चलते मेहंदवास में खेत पर केरोसिन डालकर युवक के आग लगा दी थी.. उसकी जयपुर में इलाज के दौरान जयपुर में मौत हो गई.. इसमे कुल 9 आरोपी थे.. पांच बरी हो गए है ।
एसी-एसटी न्यायालय के विशिष्ट लोक अभियोजक राकेश चौपड़ा ने बताया कि मामला इस प्रकार है कि 3 नवम्बर 2015 को दोपहर 11 बजे जमीनी विवाद के मामले में आरोपी परिवादी नाथूलाल बैरवा पुत्र कंवरी लाल बैरवा निवासी मेहंदवास के खेत पर सरसों की उगी फसल को ट्रेक्टर से नष्ट करने गए, जिस पर परिवादी के बेटे राजाराम ने मना किया, जिस पर आरोपियों ने पहले मारपीट की और ट्रेक्टर के टब में से केरोसिन की बोतल निकालकर राजाराम पर डाल दी और माचिस लगाकर जला दिया। इलाज के दौरान जयपुर एसएमएस में राजाराम की तीन-चार दिन के बाद मौत हो गई… राजाराम ने मौत से पहले पुलिस को पर्चा बयान दिया था, जिसके आधार पर मामला दर्ज हुआ है। जिस पर पुलिस ने 31 दिसम्बर 2012 को एफआर लगा दी थी, जिस पर न्यायालय ने 16 सितम्बर 2016 को पुन: प्रसंज्ञान लिया, जिस पर मामला धारा 302 में दर्ज किया गया… जिस पर पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश किया गया। इस मामले में कुल 9 आरोपियो में से चार आरोपियों मनराज, रामसहाय उर्फ राजू, हंसराज पुत्रान जमनालाल, महावीर पुत्र गोपी जाति बैरवा निवासी मेहंदवास को न्यायालय ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास एवं 25-25 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित करने के आदेश पारित किए। वही इस मामले में शेष 5 आरोपियों जगदीश, लालाराम, रुपा देवी, गोपाली, गोपीलाल को दोषमुक्त करते हुए बरी करने के आदेश पारित किए ।
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