bajat २०२३
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में पुराना बजट भाषण पढ़ दिया। कुछ देर तक वह पुराना बजट पढ़ते रहे, तभी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने आकर CM के कान में कुछ कहा और वो ठिठक गए। गहलोत का भाषण रुका, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।

दोबारा सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो CM अशोक गहलोत ने सफाई दी। कहा, ‘बजट भाषण की इस कॉपी में फर्क हो तो बताइए। एक एक्स्ट्रा पेज लग गया गलती से। मैं एक पेज गलत पढने लग गया। लीक होने का सवाल कहां से आ गया?’

राजस्थान में पहली बार बजट भाषण के दौरान सदन की कार्यवाही स्थगित की गई, पहली करीब आधे घंटे के लिए, फिर 15 मिनट के लिए। दैनिक भास्कर ने इसकी पड़ताल की तो सामने आया कि मुख्यमंत्री भाषण की शुरुआत की तो वह शेर पिछले भाषण में नहीं था, लेकिन इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की घोषणा पिछले साल ही की गई थी।

 

जब गहलोत ने दो पॉइंट्स हूबहू पढ़े तो यह देख सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने CM के कान में बोला। इसी बीच विपक्ष के नेता और उपनेता ने सवाल उठाया कि CM पुराना भाषण पढ़ रहे हैं और बजट लीक हो गया है।। इस पर हंगामा शुरू हो गया। BJP विधायकों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया तो हंगामा बढ़ने लगा तो स्पीकर ने 11 बजकर 12 मिनट पर आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

दोबारा सदन शुरू होने पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि जो कुछ घटनाक्रम हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है, उसमें हमने पास्ट में पता लगाया। CM ने जो भाषण दिया है, वह ठीक नहीं होगा। आज की घटना से आहत हुए हैं। मानवीय भूल होती रहती है। इस अनहोनी घटना के लिए जो सारी कार्यवाही हुई है, उसे निरस्त करता हूं। 11 बजे से 11:42 तक की पूरी घटना को विधानसभा की कार्यवाही से निकाल दिया गया है।

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कुछ मिनट तक गलत पढ़ने के बाद तीसरे व्यक्ति ने आकर बताया कि गलत पढ़ रहे हैं। बजट लीक हुआ है, बजट गोपनीय होता है और इसकी कॉपी CM के अलावा किसी दूसरे के पास कैसे पहुंच गई। CM को तीसरे आदमी ने आकर बताया, यह बजट किसी तीसरे व्यक्ति को कैसे मालूम पढ़ा। सदन का मान रखना चाहते हैं तो इस बजट को दूसरे दिन अलग से पेश किया जाए। आज की घटना से लोकतंत्र शर्मसार हुआ है।

पढ़िए, बजट की वो पुरानी लाइनें, जो गहलोत पढ़ गए…

– अब मैं, शहरों में भी रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ‘इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना’ लागू करने की घोषणा करता हूं। इस योजना के माध्यम से आगामी वर्ष से शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों को भी उनके द्वारा मांगे जाने पर प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। इस पर लगभग 800 करोड़ रुपए वार्षिक खर्च होंगे।

कोविड से उत्पन्न परिस्थितियों का सामना करने में सहायता देने की दृष्टि से आगामी वर्ष मैं, महात्मा गांधी नरेगा योजना में उपलब्ध 100 दिवस के रोजगार को राज्य सरकार के खर्चे पर बढ़ाते हुए 125 दिवस करने की घोषणा करता हूं। इस पर लगभग 750 करोड़ रुपए व्यय होंगे।

– कोरोना काल के दौरान शिक्षा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए आगामी वर्ष स्कूली विद्यार्थियों के लिए 3 माह की अवधि के ब्रिज कोर्स चलाए जाना प्रस्तावित है। इसके लिए 75 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा।

– कोरोना काल में सभी वर्गों के परिवार आर्थिक रूप से प्रभावित हुए हैं। अब मैं, अल्प आय वर्ग के साथ-साथ समस्त 118 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को…..मुख्यमंत्री ने इतनी लाइन पढ़ी ही थीं कि महेश जोशी ने आकर CM को बताया कि यह पुराना बजट है।