• क्रिश जायसवाल प्रधान संपादक

जीवन अनमोल है, एक बार जाने के बाद जिंदगी दोबारा नहीं मिलती है। हमने अभी दुनिया नहीं देखी है। लेकिन लोग अपनी लापरवाही से बाज नही आ रहे है। देश में एक बार फिर कोरोना ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। देश में कोरोना के मामले अब तेजी से सामने आने लगे है।

आपको याद होगा जब देश में कोरोना की दूसरी लहर आई थी तब अस्पतालों में बेड़ नहीं, ऑक्सीजन नहीं, दवाईयां नहीं और तो और श्मशान घाटों में अंतिम संस्कार के लिए जगह और लकड़ियां नहीं मिल रही थी। हालात बद से बतदर होते जा रहे थे। कोरोना विकराल रूप लेता जा रहा था, चारों ओर मौत का मंजर था, हाहाकार मचा हुआ था। लेकिन इसके बाद भी हम सबक नहीं ले सके।वैक्सीन के साथ सावधानी जरूरी है ।

 

देश में कोरोना के मामलों का बढ़ना लगातार जारी है। देश में कोरोना फिर असर दिखाना शुरू कर दिया है। बीते दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, लेकिन सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी कोरोना थमने का नाम नहीं ले रहा है। वैसे कोरोना से निपटने के लिए अमृत रूपी वैक्सीन लगभग देश में सभी को लग चुकी है। लेकिन वैक्सीन ही कोरोना का इलाज नहीं है बल्कि हमे सावधानियां भी रखना जरूरी हैं।

 

है प्रभु अब बस करो ! 

 

कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच भगवान से ही प्रार्थना कर सकते हैं कि, हे प्रभू अब बस करो, अपने गुस्से को काबू में कर लो। घर में जब भी कभी किसी अपने का फोन आता है तो डर लगने लगता है और तो और जब समाचार मिलता है की सामने वाला कोरोना का निवाला बन गया है तो और लोग अपने आपको सुरक्षित महसूस करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। इंसान जब सुबह उठकर एक क्षण के लिए भगवान से प्रार्थना करता है कि हे भगवान कोरोना से बचाओ, तो वहीं दूसरे क्षण में अखबार में छपी अंतिम संस्कार स्थलों के दर्दनाक चित्र डरा कर रख देते हैं।

 

क्या मास्क शान के खिलाफ?

 

लोगों को दो गज की दूरी रास नहीं आती है, लोग मास्क पहनना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। लेकिन भूलो मत कोरोना से पहले भी एड्स, इबोला और निपाह जैसे गंभीर और खतरनाक वायरस ने दुनिया उजाड़ दी थी। ये सब वायरस लोगों को आगाह कर चुके हैं, लेकिन हम अभी भी इन सबको नजरअंदाज कर रहे है। क्या हम फिर से वही दौर में आना चाहते है जब ऑक्सीजन, बेड, श्माशन में अंमित संस्कार के लिए दो गज की जगह की खोज में लगे हुए थे। घर-घर में मातम पसरा हुआ था। चीख पुकार मची हुईं थी। अभी भी समय है संभलने का, नहीं तो दुनिया को खत्म होने से कोई नहीं रोक सकता

 

 

 

क्या फिर लगेगा लॉकडाउन?

 

अगर देश में कोरोना हाबी हो गया तो लॉकडाउन ही एक मात्र उपाय है। क्योंकि बीते सालों में जब जब कोरोना देश पर हाबी हुआ है तब-तब देश और देश के कई राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया। हालांकि बैठक में सरकार द्वारा लॉकडाउन को लेकर कोई बात चीत नहीं की गई, लेकिन देश में कोरोना के मामले बढ़ते है तो सरकार लॉकडाउन पर कोई बड़ा कदम उठाने पर विवश हो सकती है।