लोकेशन छबडा

रिपोर्टर माजिद राही

छबड़ा:प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय केंद्र पर शिक्षक दिवस पर राजयोग की शिक्षा को आमजन तक पहुंचाने में महती भूमिका निभाने पर सोमवार को व्याख्याता शंकर लाल नागर,सुरेश चंद मेहरा,सूरज देवी सोनी,पप्पू लाल सुमन को केंद्र संचालिका बी.के.नीलू ओर सीमा दीदी ने मोती कॉलोनी केंद्र पर तिलक,चन्दन ओर पुष्प गुच्छ भेंट के साथ बी.के.नीलू दीदी ने ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया।नीलू दीदी ने कहा की हमारे देश में आदिकाल से लेकर कलयुग तक गुरुओं की महिमा गाई गयीं है।गुरु शरीर नही होते शब्द ही वास्तव में गुरु होता है जो दो हाथों के होते अपने ज्ञान से चार भुजा वाले गुरु ब्रह्मा,विष्णु,महेश से मिलवा देते है।कलयुग जा रहा है सतयुग आ रहा है ऐसे समय शिष्यों के कल्याण के लिए मन,बुद्धि और संस्कारों के लिए राजयोगी गुरुओं की आवश्यकता होगी जो आध्यत्मिक ज्ञान के साथ भौतिकता से अपने शिष्यों को परिचित करा आत्म जागृति ला कर परमात्मा मिलन का रास्ता दिखा सकें हमें आज भारत में ऐसे ही गुरुओं की तलाश कर उनका सानिध्य पाने की कोशिश करनी चाहिए।हमारे देश में 5 सितम्बर को डॉ.राधकृष्णन के जन्म दिन को शिक्षकों के सम्मान दिवस के रूप में मनाया जाता है जो अच्छी परम्परा है।लेकिन वर्तमान में आज जो परम्परा दिखाई दे रही है कि खुद गुरु ही उसके सम्मान के लिए सरकार के निर्देशों की पालना में आयोजन कर,खुद ही जनता के द्वारा उगले विष का शिकार हो शिव की तरह जनता के कल्याण के लिए स्वयं विषपान का गुट पीकर भी शांत है,जो अच्छी परम्परा नही कहि जा सकती।उत्तम गुरुओं के सम्मान की व्यवस्था आज सरकारी या गैर सरकारी स्तर के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों के द्वारा मिलकर की जावें जिससे सर्व समाज में सच्चे गुरुओं की पद,प्रतिष्ठा बढ़ेगी और संस्कारित शिष्यों के होने से संस्कारित समाज का निर्माण हो सकेंगा।सम्मानित हुए बी.के.नागर,मेहरा,सोनी ओर सुमन ने दीदियों का आभार जताकर आमजन का आवाहन कर कहा कि वर्तमान समय प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय माउंट आबू की सभी शाखाओं पर सभी वर्गों को जाति,धर्म,मजहब से ऊपर उठ जीवन जीने के कला को राजयोग के माध्यम से निःशुल्क शिक्षा देकर सभ्य समाज के निर्माण में अनूठा प्रयास किया जा रहा है। केंद्र पर आप प्रतिदिन एक घण्टा निकाल सप्त दिवसीय निःशुल्क कोर्ष की शिक्षा ग्रहण कर आत्मिक ज्ञान प्राप्त कर स्वयं का परिचय पा सकते है।राजयोग की शिक्षा पाकर आप काम,क्रोध,लोभ,मोह,मद जैसे कलयुगी शत्रुओं की पहचान कर इनसे ऊपर उठ सत्य,प्रेम,शांति,पवित्रता के सन्देश के साथ सभ्य सतयुगी समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकोगें ।।