लोकेशन छबडा

रिपोर्टर माजिद राही

नंदोत्सव भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के दूसरे दिन समूचे ब्रजमंडल में मनाया जाने वाला प्रमुख नंदउत्सव है। सैनफोर्ट वर्ल्ड स्कूल में धूमधाम से मनाया गया जिसमें नन्हे मुन्ने बच्चे राधा कृष्ण की वेशभूषा में स्कूल पहुंचे जहां पर बच्चों ने बहुत ही मनमोहक प्रस्तुतियां दी स्कूल निदेशक महेंद्र मीणा ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि शास्त्रों के अनुसार कंस की नगरी मथुरा में अर्धरात्रि में श्रीकृष्ण के जन्म के बाद सभी सैनिकों को नींद आ जाती है और वसुदेव की बेडि़यां खुल जाती हैं। तब वसुदेव कृष्णलला को गोकुल में नंदराय के यहां छोड़ आते हैं। नंदराय जी के घर लल्ला का जन्म हुआ है, धीरे-धीरे यह बात पूरे गोकुल में फैल जाती है। अतः श्रीकृष्ण जन्म के दूसरे दिन गोकुल में नंदोत्सव पर्व मनाया जाता है। भाद्रपद मास की नवमी पर समस्त ब्रजमंडल में नंदोत्सव की धूम रहती है। इस दिन सुप्रसिद्ध ‘लठ्ठे के मेले’ का आयोजन किया जाता है। मथुरा जिले में वृंदावन के विशाल श्री रंगनाथ मंदिर में ब्रज के नायक भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के दूसरे दिन नंदोत्सव की धूम रहती है

 

उत्सव

अर्धरात्रि में श्रीकृष्ण का जन्म कंस के कारागार में होने के बाद उनके पिता वसुदेव कंस के भय से बालक को रात्रि में ही यमुना नदी पार कर नंद बाबा के यहां गोकुल में छोड़ आए थे। इसीलिए कृष्ण जन्म के दूसरे दिन गोकुल में नंदोत्सव मनाया जाता है। भाद्रपद नवमी के दिन समस्त ब्रजमंडल में नंदोत्सव की धूम रहती है।