शराब ठेकेदार, सरकार से करेंगे आर-पार
शराब ठेकेदार यूनियन ने आर्थिक तंगी के चलते परेशान होकर दी परिवार सहित सीएम हाउस के बाहर डेरा डालने की चेतावनी
CM हाउस के घेराव का ऐलान
राजेन्द्र नामा
राजस्थान | राजगंगा, जयपुरा शराब ठेकेदार लिकर कॉन्ट्रेक्टर यूनियन की प्रदेश कमेटी ने आर्थिक नुकसान से आहत होकर परिवार सहित सीएम के बाहर धरना देने की बात कही पिछले 2 वर्षों में कारोनी महामारी के चलते सार्वजनिक कार्यों पर रोक काम बंद होने के कारण लोगों के आर्थिक हालात बहुत ही खराब हो गये थे कि कॉन्ट्रेक्टर यूनियन की प्रदेश कमेटी की मीटिंग के बाद प्रदेशाध्यक्ष पंकज धनखड़ ने बताया कि विभाग व सरकार ने समय-समय पर कोरीना गाइडलाइंस की पालना बार बार अनुबंध को तोड़ा गया दुकान को खोलने का समय अनियमित रहा जिसके कारण सभी शराब व्यापारियों को भारी भरकम आर्थिक नुकसान हुआ है। अब लोग अपनी जमानत की सुरक्षा में लगे हुए थे, खाने के लाले पड़ गये थे। हालत ऐसे थे कि लोग दारू नहीं जान बचाने दौड़ रहे थे, तब शराब ठेकेदारों ने भी सरकार के सभी आदेशों का पालन किया। जिसका सिला ये मिला कि आबकारी विभाग ने व्यापारियों पर भारी भरकम पेनाल्टीया लगा दी।
अब तक चार ठेकेदार आत्महत्या कर चुके जिनकी चल व अचल सम्पत्तियों की कुर्की कर नीलाम करने के आदेश जारी किये गये है। लोगों के घरों पर नोटिस चस्पा किये जा रहे है जिसके सरकार वापस लौटाए शराब ठेका की मागे
1. कोरोना काल की पैनल्टी को समाप्त की आए
2. दो क्यों में जब्त की गई धरोहर राशि मय ब्याज सरकार वापस लौटाए
3. कोरोना काल में शराब ठेकेदारों के आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए 20-20 लाख सहायता दे
4. पोलिसी में दिया गया
कमीशन पूरा दें
5. आगामी वर्ष शराब की गारण्टी मात्रा 15 प्रतिशत कम की जायें।
राजगंगा, जयपुर सरकार ही शराब की दुकानें नीलाम करती है, इससे इतर राज्य सरकार के कई मंत्री, विधायक व बड़े प्रशासनिक अधिकारी प्रदेश में चलाए जा रहे शराबबंदी आंदोलन को समर्थन में पोस्टरों का विमोचन कर चुके हैं। सरकार द्वारा शराब छोड़ने की जागरूकता के लिये करोड़ों रुपये का आर्थिक सहयोग दिया है। लोग शराब पीने की लत छोड़ रहे हैं। यह अच्छी बात है, लेकिन दूसरी तरफ कोरोना काल में शराब कम बिकने के कारण शराब व्यापारियों की चल-अचल सम्पति की नीलामी की जा रही है। शराब ठेकेदारों ने इसे प्रदेश सरकार का दोहरा चेहरा बताते हुए शराब कारोबारियों की संपत्ति नीलाम करने को प्रदेश के लिए बहुत ही शर्मनाक घटना बताकर सीएम हाउस घेरने की बात कही।
काई रिटायर्ड फौजी, कोई दूसरा काम धंधा छोड़कर शराब कारोबार में आया था। कई को तो एक दो माह में ही पता चल गया कि इस बार शराब का कारोबार नहीं चलेगा। लेटर लिख दिए कि दुकान वापस ले लो, गारंटी धरोहर राशी में समायोजिक कर लो, लेकिन आबकारी विभाग पैनल्टी पर पैनल्टी लगा रहा है। रिटायर्ड फौजी जयवीर की तो आर्मी पेंशन भी आबकारी विभाग ले रहा है।