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बारां, 30 अप्रैल। बारां जिला ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक धरोहरों से संपन्न जिला है। यहां प्रागैतिहासिक काल की धरोहरे, यहां की विरासते, यहां की लोक संस्कृति अपना अलग ही महत्व रखती है। बारां जिला वराह नगरी के रूप में अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी अलग पहचान रखता है। बारां जिला प्रशासन द्वारा जिले के स्थापना दिवस को मनाने के साथ-साथ इन सभी विभिन्न धरोहरों की भी शोभायात्रा या अन्य किसी प्रकार से शामिल करना चाहिए। ये विचार भारतीय सांस्कृतिक निधि वराह नगरी बारां अध्याय के वरिष्ठ सदस्य कुश कुमार मिश्रा ने बारां जिला स्थापना दिवस के अवसर पर इंटेक की सहभागिता कार्यक्रम में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि दीपदान, शोभायात्रा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम हमारी सनातन परम्परायें है, परंतु इनमें जिले की ऐतिहासिक धरोहरों, किलों, बावडियों क्रेटर इत्यादि की झांकियां भी शामिल करना चाहिए। इंटेक सदस्या नीता शर्मा ने कहा कि इस अवसर पर विचार गोष्ठी, पावर प्वाइंट प्रजेन्टेशन इत्यादि गतिविधियों को शामिल किया जाना भी स्थापना दिवस समारोह को गरिमा प्रदान करेगा। अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के युवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष पीयूष गोयल ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं, संगठनों एवं विभिन्न समाजों की पंचायतों द्वारा भी इस समारोह में रूचि पूर्वक भाग लिया जाना चाहिए।
इंटेक को-कन्वीनर जगदीश कुमार शर्मा ने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक निधि भविष्य में इस तरह भव्य एवं शानदार तरीके से मनाये जाने का प्रयास करेगी।