भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दलाल के जरिए दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में एसओजी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिव्या मित्तल को गिरफ्तार कर लिया। यह रिश्वत मादक पदार्थो की तस्करी के मामले में गिरफ्तार नहीं करने की एवज में मांगी जा रही थी। रिश्वत दलाल बर्खास्त पुलिसकर्मी के जरिए मांगी जा रही थी। एसीबी उसकी भी तलाश कर रही है। उधर दिव्या मित्तल की गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम उसके आवास, रिसोर्ट सहित पांच जगहों पर तलाशी ले रही हैं।
भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि परिवादी ने एसीबी की विशेष अनुसंधान इकाई जपुर इकाई को शिकायत दी थी। जिसमें बताया कि उसके खिलाफ मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में एसओजी में दर्ज प्रकरणों में गिरफ्तार नहीं करने एवं मदद करने की एवज में अनुसंधान अधिकारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसओजी अजमेर दिव्या मित्तल और उसके दलाल सुमित कुमार प्राइवेट व्यक्ति बर्खास्त पुलिसकर्मी के जरिए दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान कर रही हैं। उसने बताया कि वह तीन जनवरी को उनके कार्यालय में जाकर मिला। मिलने के दौरान उससे पैसों की मांग की गई। उससे कहा गया कि उदयपुर के लिए रवाना हो जाए।
यह भी पढ़ेः पेट्रोल पंप लूटने से पहले ही धरे गए बदमाश, पहले गैंगवार को दे चुके …
फोन पर कहा कि नाथद्वारा बुलाया
उदयपुर रवाना होते समय सुमित नामक व्यक्ति ने फोन कर कहा कि आप नाथद्वारा आ जाओ। नाथद्वारा के बाद उदयपुर आने के लिए कहा। फिर उसके बाद उन लोगों ने तस्दीक करने के बाद उसको नेचर हिल रिसोर्ट जो चिकलवाास में है। वहां कपड़े उतारकर उसकी तलाशी ली। इसके बाद उसके साथ सौदा करना शुरू किया। पहले उन्होंने दो करोड़ रुपए मांगे। उसने देने में असमर्थता जाहिर की। इस पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिव्या मित्तल से बात करवाई गई। इस पर उन्होंने कहा कि जो भी फाइनल करेंगे वह यह लोग ही करेंगे। इसके बाद उसने कुछ समय मांगा और वहां से रवाना हो गया।
एसीबी पहुंचकर की शिकायत
इसके बाद परिवादी एसीबी पहुंचा। यहां मामला बताने के बाद उसका वेरीफिकेशन करवाया गया। वेरीफिकेशन में यह पाया गया कि जो संदिग्ध दलाल के जरिए उससे डिमांड की जा रही है। 12 जनवरी को एसीबी टीम अजमेर पहुंची और वेरीफिकेशन होता है बातचीत में यह कहता है कि वह एक करोड़ नहीं दे सकता ज्यादा से ज्यादा दस लाख दे सकता है। दिव्या मित्तल ने उससे कहा कि यह बनिए की दुकान नहीं है। आपको पैसे तो देने ही पड़ेगें। यह मेरे तक का मामला नहीं है। मामला उपर तक का रहता है।
पचास लाख में हो जाता है सौदा
एसीबी ने बताया कि काफी माथापच्ची के बाद पचास लाख में सौदा तय हो जाता है। उसी पच्चीस लाख रुपए उसी दिन देना तय होता है और बाकी 25 लाख बाद में देना तय होता है। परिवादी परिवार में शादी होने की बात कहकर बाद में देने के लिए कहता है। इस पर सहमति हो जाती है। कुछ देर बाद दलाल का फोन आता है कि आप कहां हो। फिर वह उदयपुर से आने में टाइम लगेगा। 100 फीट बाईपास पर परिवादी को बुलाकर चार पांच चक्कर लगाकर उसे शक होता है तो वह वहां से चला जाता है। परिवादी का फोन भी नहीं उठाता है। इसके बाद एसीबी ने जो वेरीफिकेशन किया, उसकी जो बात हुई थी। इसके बाद प्रकरण दर्ज किया गया। इसके बाद सर्च वारंट लेकर पांच जगह एसीबी द्वारा तलाशी ली गई। एसीबी ने एसओजी कार्यालय अजमेर, अजमेर के अंदर निजी निवास और तीसरा पैतृक गांव, चौथा जयपुर के अंदर फ्लैट है और पांचवा उदयपुर स्थित फार्म हाउस की तलाशी गई। तलाशी लेने के बाद आरोपी दिव्या मित्तल को गिरफ्तार कर लिया गया।