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बारां 20 अप्रैल| राजस्थान के भरतपुर जिले के अंतर्गत सैह गांव के सैकड़ों दलित परिवार के लोक परिवार सहित पलायन को मजबूर हो गए हैं| भाजपा जिलाध्यक्ष जगदीश मीणा ने कांग्रेस सरकार की लाचारगी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि दलित वर्ग पर हुए अत्याचार कांग्रेस की विफल नीतियों पर चलते हो रहा है|

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष हेमराज मीणा ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सरकार तुष्टीकरण की नीति अपनाए हुए है|

पूर्व विधायक एवं जिला महामंत्री रामपाल मेघवाल ने कांग्रेस सरकार पर दलित वर्ग को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सैह गांव की घटना में सैकड़ों परिवार प्रभावित होकर वहां से परिवार सहित पलायन कर रहे हैं आश्चर्य यह है कि गहलोत सरकार नींद में सोई हुई है| पूर्व जिला प्रमुख सारिका सिंह चौहान ने भी गहलोत सरकार की नीतियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस सरकार के शासनकाल में दलित वर्ग प्रताड़ना एवं शोषण का शिकार ही रहा है| भाजपा मीडिया विभाग के जिला प्रमुख राजेंद्र शर्मा एवं शहर प्रवक्ता सचिन सनाढ्य ने बताया कि गत 14 अप्रैल को भरतपुर जिले के सैह गांव में बिना वजह एक समुदाय विशेष के लोगों ने दलित वर्ग के लोगों के साथ मारपीट कर डाली थी यह मारपीट का सिलसिला इससे पूर्व में भी होता रहा है परंतु गहलोत सरकार के अधीनस्थ अधिकारियों ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की | जिसके चलते दलित समाज में गहलोत सरकार के प्रति जबरदस्त नाराजगी व्याप्त हो गई है| राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व सदस्य एवं स्वच्छ भारत अभियान के प्रदेश संयोजक नारायण डांगोरिया वाल्मीकि ने कहा कि 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के अवसर पर दो समुदाय में जो विवाद हुआ था उसको लेकर प्रशासन की कार्यवाही केवल दिखावे की ही रही थी जिसके चलते भीषण गर्मी में जल समुदाय के लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों साथ भरतपुर की ओर पैदल ही कूच कर रहे हैं| भाजपा शहर अध्यक्ष दिलीप शाक्यवाल ने कहा कि कांग्रेस के नेता दलितों के वोट पर राजनीति करते रहे हैं वह इस मुद्दे को लेकर खामोश क्यों है किसी भी राजनेता ने दलितों के जख्मों को सहलाने का काम नहीं किया है| उन्होंने कहा यदि करौली दंगों में शामिल दंगाइयों के खिलाफ कार्यवाही हो जाती तो भरतपुर जिले से दलितों का पलायन नहीं होता| सोशल मीडिया जिला सहसंयोजक भावना सिंह ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तुष्टीकरण की जो नीति अपनाई हुई है यह उसी का परिणाम है कि लोग आज अपने पूरे परिवार के साथ पलायन करने को मजबूर हैं|