लोकेशन छीपाबड़ौद ।

रिपोर्ट – प्रधान संपादक क्रिश जायसवाल

छीपाबड़ौद कस्बेसहित क्षेत्र में तेजा दशमी पर तेजाजी के थानकों पर पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। इस अवसर पर तेजाजी के थानकों से शोभायात्रा निकाली गई। इस दिन तेजाजी के थानकों पर वर्ष में सांप के काटे पीड़ित की डसी काटी जाती है। मान्यता है कि जो लोग तेजा जी महाराज की पूजा करते हैं, उन्हें सर्प दंश का भय नहीं रहता है। इसी वजह से ग्रामीण इलाकों में तेजा जी महाराज के भक्तों की संख्या काफी अधिक है।

प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी सत्यवादी वीर तेजाजी महाराज का जन्मोत्सव पर्व बड़े ही धूमधाम से जतरा के आयोजन के साथ मनाया गया नगर के तेजाजी मंदिर पर उत्सव को लेकर प्रातः से भक्तों का ताता दर्शन हेतु लगा रहा मंदिर पुजारी द्वारा आज के दिन बड़ी जतरा का आयोजन किया जाता है जहां पर पुजारी द्वारा मन्नत धारी व्यक्ति की ताती या तोड़ी जाती है जिसका लाभ आसपास के ग्रामीणों द्वारा भी लिया जाता है ताती का मतलब एक रक्षासूत्र धागे से हैं वह धागा वह व्यक्ति बांधता है जो या जिसे की किसी जहरीले जीव-जंतु सांप बिच्छू आदि द्वारा काटा जाता है ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति भगवान के नाम एक धागा ताती बांध लेता है और वह आज के दशमी उत्सव पर जतरा में आकर उस ताती को तुड़वाता हे
जतरा आयोजन के बाद महा आरती के साथ प्रसादी का वितरण किया जाता है प्रसाद ग्रहण करने के बाद सभी भक्तों अपना उपवास खोलते हैं को लेकर ग्रामीण अपना काम-काज भी बंद रखते हैं मंदिर समिति द्वारा मंदिर को पूर्णता सुसज्जित किया जाता है भगवान जन्मोत्सव के पूर्व कथा का आयोजन भी किया जाता है कथा में यहां नानी बाई का मायरा का वृतांत भी होता है।