छबड़ा। 2 मई 2022:- राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बारां के निर्देशानुसार आगामी 3 मई आँखा तीज को होने वाले शादी विवाह को देखते हुए तालुका विधिक सेवा समिति छबड़ा द्वारा विशेष शिविरों ओर जागरूकता रैलियों का आयोजन किया गया। तालुका विधिक सेवा समिति द्वारा कमल कुमार (एसीजेएम क्रम-2 छबड़ा) की अध्यक्षता में बाल विवाह निषेध शिविर और रैली का आयोजन किया गया। शिविर में बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में जानकारी प्रदान की गई। शिविर में कमल कुमार मजिस्ट्रेट द्वारा बताया गया कि कम उम्र में बच्चों की शादी कर देने से उनके स्वास्थ्य, मानसिक विकास और खुशहाल जीवन पर असर पड़ता है। कम उम्र में शादी करने से पूरे समाज में पिछड़ापन आ जाता है। इसलिए हमारे देश के कानून में लड़के तथा लड़की के लिए विवाह करने की एक उम्रः निर्धारित की गई है। इस उम्र से कम उम्र में शादी करने को ही बाल विवाह कहा जाता है।
अगर शादी करने वाली लड़की की उम्र 18 साल से कम हो या लड़के की आयु 21 वर्ष से कम है तो वह विवाह बाल विवाह कहलाएगा। ऐसी शादी की हमारे कानून में पूर्ण तौर पर मनाही है। ऐसी किसी शादी के कई कानूनी परिणाम हो सकते है।
शिविर में कमल कुमार द्वारा बताया गया कि लड़के की आयु 21 वर्ष से कम और लडकी की आयु 18 वर्ष से कम है, तो वे विवाह योग्य नहीं है 18 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करता है तो उसे दो साल तक की कड़ी कैद या एक लाख रूपये तक का जुर्माना या फिर दोनों सजाएं भी हो सकती है।
शादी करने वाले जोड़े में से जो भी बाल हो शादी कोर्ट से रद्द करवा सकता है। शादी के बाद कभी भी कोर्ट में अर्जी दी जा सकती है तथा बालिक होने के दो साल बाद भी जो भी बाल विवाह सम्पन्न करे या करवाएं जैसे पंडित, मौलवी, माता-पिता रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि उसे दो साल तक की कड़ी सजा या एक लाख रूपये का जुर्माना या दोनों ही हो सकते है।
शिविर में बताया गया कि जिस व्यक्ति की देखरेख में बच्चा है यदि वह बाल विवाह करवाता है चाहे वह माता पिता अभिभावक या कोई और हो दो साल तक की कड़ी सजा या एक लाख रूपये जुर्माना या दोनों हो सकते है और जो व्यक्ति बाल विवाह को किसी तरह बढ़ावा देता है, या जानबूझकर लापरवाही से उसे रोकता नही है, जो बाल विवाह में शामिल हो या बाल विवाह की रस्मो में शामिल हो उसे दो साल तक की कड़ी सजा या एक लाख रूपये जुरमाना या दोनों हो सकते है। शिविर में बाल विवाह की सूचना हेल्पलाइन नंबर पर देने अथवा पुलिस को देने के बारे मे बताया गया साथ मे बताया गया कि इसकी सूचना देने वाले कि जानकारी गोपनीय रखी जाती हैं।
इस शिविर में छबड़ा बार अध्यक्ष देवेंद्र कुमार मेहता, अरविंद प्रताप सिंह, भगवान कृष्ण बलरिया, राजेश भार्गव, हेमंत कुमार पारीक, सईद अहमद फारूकी अधिवक्ताओं ने बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जानकारी प्रदान की और अपने विचार प्रकट किए। बाल विवाह निषेध शिविर के बाद न्यायालय परिसर में कमल कुमार द्वारा हरी झंडी दिखाकर रैली का शुभारंभ किया रैली अंबेडकर सर्किल होते हुए धरनावदा चौराहे तक निकाली गई रैली में बार संघ के सभी अधिवक्ता गण न्यायालय स्टॉप गण एवं आमजन ने भाग लिया। इसी प्रकार तालुका विधिक सेवा समिति छबड़ा द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय छबड़ा में भी शिविर और रैली का आयोजन छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया। विद्यालय के 700 के लगभग छात्र-छात्राओ ने इसमें भाग लिया। जिसमें प्रधानाचार्य ओम प्रकाश गालव ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दिनेश भार्गव एवं शिक्षक गण उपस्थित रहे।
सचिव
हनुमान मीणा
तालुका विधिक सेवा समिति
छबड़ा
7976521518