लोकेशन बारां

रिपोर्टर माजिद राही

*जालोर की घटना को तथाकथित जातिवादी संगठनों ने बनाया आधार*

*देश में सक्रिय कुछ जातिवादी संगठन समाज में वर्ग संघर्ष एवं जातिवादी वैमनस्यता भड़का रहे हैं|*
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*आपसी सामाजिक सद्भाव तथा एकता को बिगाड़ने का षड्यंत्र: डांगोरिया*

*बारां 24 अगस्त राजस्थान जालोर जिला अन्तर्गत सायला तहसील के सुराणा में विगत दिनों 9 वर्षीय दलित छात्र की अध्यापक छैल सिंह द्वारा कथित पिटाई से मौत के प्रकरण को लेकर देश में सक्रीय कुछ जातिवादी संगठन समाज में वर्ग संघर्ष एंव जातिगत वैमनस्यता भड़काकर आपसी सामाजिक सद्भाव तथा एकता को बिगाड़ने का षड्यंत्र रच रहे हैं।*

*’राज्य सफाई कर्मचारी आयोग’ के पूर्व सदस्य तथा राजस्थान भाजपाअनुसूचित जाति मोर्चा के वरिष्ठ नेता नारायण डांगोरिया वाल्मीकि ने प्रेस वक्तव्य जारी कर बताया कि राज्य में काँग्रेस सरकार के समय दलितों, महिलाओं तथा सामान्य वर्ग पर भी कई अत्याचार हुए हैं परन्तु सरकार द्वारा योजना बद्ध ढंग से उन सभी प्रकरणों को जान बूझकर लुप्त कर दिया गया यहाँ तक कि राज्य में हुए साम्प्रदायिक दंगे करौली, छबड़ा तथा जोधपुर में हिन्दू व्यापारी पीड़ित पक्ष थे परन्तु न किसी काँग्रेस के सत्ताधारी नेता ने इस्तीफा दिया और न किसी संविधान भक्त उनके पक्ष में रक्तरोदन करते हुए संविधान की दुहाई दी। यद्यपि इन्द्र मेघवाल के पीड़ित परिवार के प्रति प्रत्येक समाज की गहन संवेदनाएं हैं परन्तु बालक की मौत से कुछ लोग अपनी कुत्सित सोच व अपने राजनैतिक व सामाजिक अलगाव की तुष्टि होते देखना चाहते हैं इसलिए इस घटना को जातिवाद का रंग देकर सवर्ण वर्ग के प्रति दुष्प्रचार का हथियार बना रहे हैं।नारायण डांगोरिया ने बताया कि जो तथाकथित दलितवादी संगठन हिन्दू विरोधी मंचो पर बाबा साहेब अंबेडकर के नाम का उपयोग करते हैं वस्तुतः वह वाक्छल अथवा दुरुपयोग मात्र है बाबा साहेब डॉ० अम्बेडकर के सिद्धांतों अथवा विचारों से उक्त संगठन एवं नेताओं की कोई वैचारिक साम्यता नहीं है तथापि अम्बेडकर के नाम अथवा संविधान का नारा मात्र लगाकर तथाकथित अम्बेडकरवादी जामिया मिलिया और अलीगढ़ मुस्लिमविश्वविद्यालय के छात्रों के साथ मिलकर धारा 370 का समर्थन, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार अयोध्या रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण तथा पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान में निर्वासित हिन्दुओं के लिए मोदी सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता कानून सी.ए. ए. का भी विरोध करते हैं।*
*नारायण डांगोरिया ने बताया कि यद्यपि कश्मीर में धारा 370 के हटने से पूर्व वहाँ दलित हित का कोई प्रावधान ल नहीं था अपितु इस्लामी राज्य की मान्यता के कारण वहाँ बाबा साहेब डॉ० अम्बेडकर निर्मित संविधान भी लागू नहीं होता था बल्कि अद्यावधि अलीगढ़ तथा जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में दलितों को कोई आरक्षण लागू नहीं है।*
*नारायण डांगोरिया ने बताया कि कुछ संगठन अम्बेडकरवाद के नाम से बाबा साहेब अम्बेडकर की आत्मा से धोखा कर रहे हैं।यदि ऐसा नहीं किया जाता तो दलितों की शिक्षा के लिए ही नहीं अपितु वेदों का द्वारा मनुष्यमात्र के लिए खोलने वाले महर्षि दयानन्द, महाराष्ट्र में छात्रवृत्ति के लिए परम्परा शुरू करवाने वाले पं० आत्माराम अमृतसरी वैश्य वर्गीय,*
*मन्दिर प्रवेश आन्दोलन के प्रेरक वीर सावरकर ब्राह्मण तथा एक जाट आर्य की प्रेरणा से देश में सर्वप्रथम महाकाल मन्दिर दर्शन की अनुमति देने वाले इन्दौर नरेश होलकर थे यदि दलित इनका नामोल्लेख भी न करे तो यह कृतघ्नता ही हैं।*