बारां 13 अप्रैल| सवर्ण महासंघ फाउंडेशन के तत्वावधान में चित्तौड़गढ़ में आयोजित महाकुंभ के दौरान देश-विदेश एवं राजस्थान सहित अन्य राज्यों से आए सदस्यों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संस्थापक गजेंद्र मणि त्रिपाठी ने फाउंडेशन के मूल उद्देश्यों को उल्लेखित करते हुए कहा कि आखिर कब तक सवर्ण समाज संवैधानिक खामियों की पीड़ा को झेलते हुए अपने लक्ष्य और अधिकार के लिए संघर्ष करता रहेगा ?
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जातीय आधार पर अन्य वर्गों के आयोग गठित किए हुए हैं उसी प्रकार सवर्ण आयोग के गठन की भी महत्ती आवश्यकता है| उन्होंने सवर्ण समाज की पीड़ा ,वेदना, दर्द और मजबूरी को उदाहरण सहित प्रस्तुत करते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति ऐसी है कि कोई राजनीतिक दल हमारा नहीं है, हमसे अपेक्षा तो बहुत रखते हैं किंतु वह सब हमारे लिए नहीं सोचते है तो फिर हम उसके लिए क्यों चिंता करें | समय आने पर चुनौतियों का मुंहतोड़ जवाब भी देंगे|
त्रिपाठी ने कहा कि हम सनातनी हैं तथा सनातन धर्म की ही बात करते हैं और करते रहेंगे | गजेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर धर्म तथा अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हम किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है|
उन्होंने कहा कि सवर्ण समाज को संरक्षण दिया जाना चाहिए, इसलिए इसके अधिनियम की भी आवश्यकता है , जबकि आरक्षण का दर्द कितना भयानक होता है यह उसी व्यक्ति को पता है जिसने *सब कुछ होते हुए भी*
*’कुछ नहीं’* के रूप में भोगा है|
उन्होंने कहा कि आरक्षण की निरंतरता के कारण शिक्षा के क्षेत्र में भी गिरावट आई है| आज परिस्थितियां यह है कि लगभग दो करोड़ प्रवासी भारतीय दुनिया के विभिन्न देशों में रहकर या तो शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं या फिर नौकरियां कर रहे हैं क्योंकि यहां आरक्षण प्रणाली की वजह से उन्हें नौकरियां नहीं मिल पाती है और न हीं प्रतिभावान बच्चों को उनकी बुद्धिमता एवं शैक्षणिक योग्यता के समकक्ष शिक्षा मिल पाती है ? इसलिए सरकार को चाहिए कि वह सभी को समान मानते हुए सवर्ण आयोग का भी गठन करें | त्रिपाठी ने कहा कि जातीयता के स्थान की जगह आर्थिक आधार पर आरक्षण होना चाहिए, बल्कि इसमें जिनकी 3 लाख रुपए सालाना से कम अाय हो, उन सभी जाति वालों को आरक्षण मिलना चाहिए| उन्होंने देश और राज्यों की सरकारों से मांग की कि शिक्षा एवं रोजगार सभी को समान मानते हुए उपलब्ध करवाएं जाने चाहिए | उत्तर प्रदेश के लखनऊ से आए सवर्ण महासंघ फाउंडेशन के संस्थापक त्रिपाठी ने कहा कि हालात यह है कि हम उन प्रबुद्ध समाज में से हैं जिन्होंने वेद पुराणों को लिखा है और स्थिति ऐसी है कि 22 प्रतिशत बच्चे स्नातक ही नहीं है यह आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है| इस दर्द का मूल्यांकन प्रतिदिन करते रहने की आवश्यकता है साथ ही समस्याओं का मूल्यांकन भी निश्चित किया जाना चाहिए ताकि सभी के सम्मिलित प्रयासों से समस्याओं का निस्तारण किया जा सके| महासंघ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिनेश पुरोहित (अमेरिका) ने कहा कि एस टी, एस सी एक्ट की तरह जनरल एक्ट की भी आवश्यकता है| उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया में कहीं भी जातिगत आधार पर न तो कोई प्रथा है और ना ही कोई आरक्षण, ना कि कोई शिक्षा, इसलिए उन देशों की प्रगति हो रही है| उन्होंने कहा कि देश में आरक्षण की नीति के चलते 26 हजार विद्यार्थी शिक्षा लेने यूक्रेन गए थे| यह उन सब की एवं उनके परिजनों की मजबूरी थी क्योंकि हमारे देश में अधिक अंक लाने वाला बेबस है, बेरोजगार है, ठीक इसके विपरीत कम अंक प्राप्त करने वाले को सब कुछ सुविधाएं एवं आसानी से नौकरियां मिल रही है| डॉक्टर पुरोहित ने कहा कि सवर्ण को मजबूर नहीं , मजबूत बनने की आवश्यकता है| महाकुंभ को संबोधित करते हुए महासंघ फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह ठाकुर ने कहा कि समस्याओं के निस्तारण हेतु आधारभूत ढांचा तैयार करने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि राजनीति ने हमें बेचारा बना दिया है लेकिन अब समय आ गया है कि सवर्ण समाज उपेक्षा को बर्दाश्त नहीं करेगा |उन्होंने कहा कि फाउंडेशन शिक्षा एवं रोजगार तथा आर्थिक और सामाजिक इत्यादि बिंदुंओ पर फोकस रख रहा है उन्होंने कहा कि हमारी एकजुटता की मजबूती के सामने राजनीति भी बौनी साबित हो जाएगी इसलिए आगामी कार्य योजनाओं को इस प्रकार सुगठित कर हमें क्रियान्वित करनी है ताकि चाहे कोई से भी राजनीतिक दल की सरकार हो, उसे हमारे हितों को ध्यान में रखना ही होगा| राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं मुख्य वक्ता यू एस राणा ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में संगठन की भूमिका को सामने रखते हुए भारतीय सभ्यता संस्कृति पर विस्तार पूर्वक चर्चा की| उन्होंने डिवाइड एंड रूल्स तथा दलितों एवं सवर्णों को लड़ाने की साजिश तथा आरक्षण इत्यादि विषयों पर सारगर्भित ढंग से प्रकाश डाला| राणा ने कहा कि यदि आप पहले जाग गए होते तो आज हमारे बच्चों की यह हालत नहीं होती| फाउंडेशन के प्रदेश सलाहकार राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दो साल पहले प्रारंभ हुए सवर्ण महासंघ फाउंडेशन अब धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है| फाउंडेशन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष लोकेश त्रिपाठी ने कहा कि सवर्ण समाज के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ यह महाकुंभ एक अलग जगाने का काम करेगा| इस दौरान आमंत्रित अतिथियों में सम्मिलित प्रदेश सलाहकार राजेंद्र शर्मा का मेवाड़ी पगड़ी एवं केसरिया दुपट्टा पहनाकर स्वागत सत्कार किया गया तथा यहां से गए सभी सदस्यों का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया गया|
महाकुंभ को नवनियुक्त प्रदेश संयोजक योगेश इनानी, निहाल सिंह ,राजेश भट्ट , दामोदर अग्रवाल, राजेश सिंह ,रश्मि द्विवेदी एवं चित्तौड़ जिलाध्यक्ष शिव प्रकाश मंत्री , मनोज पारीक ,दीपक मेनारिया, श्रीमती इंदिरा शर्मा आदि ने भी संबोधित किया एवं बारां से महाकुंभ में सम्मिलित हुए एडवोकेट सुरेश शर्मा, संजय शर्मा दिलीप चौबे व आनंद बंसल तथा राजू पंडित आदि ने अपने सुझावों को राष्ट्रीय संस्थापक के साथ साझा किया| चित्तौड़गढ़ के पद्मिनी होटल में आयोजित सवर्ण महासंघ फाउंडेशन के महाकुंभ की सफलता को लेकर जिलाध्यक्ष योगेश कुमरा बाटा, महिला जिलाध्यक्ष श्रीमती नीतू गुप्ता, श्रीमती सीमा शर्मा , अटरू प्रभारी मुकेश मिश्रा एवं छबड़ा प्रभारी हनुमान शर्मा और शिव पालीवाल ,डॉ शोभित शर्मा, नरेंद्र सिंह गौड़ , अनुराग सिंह मूडंली, सीसवाली मंडल अध्यक्ष कौशल शर्मा, सोनिया अदलक्खा, प्रीति अरोड़ा, कोटा जिलाध्यक्ष उमेश शर्मा तथा प्रदेश उपाध्यक्ष बलदेव शर्मा (खेडूंली) सहित आदि ने प्रसन्नता व्यक्त की है|