लोकेशन छबडा
रिपोर्टर माजिद राही
छबड़ा:शिक्षा के क्षेत्र में कोटड़ी ग्राम वैसे तो अग्रणी रहा यहां पूर्व में भामाशाहों ने आज के सीनियर स्कूल की खूब मदद की थी यही कारण है कि कोटड़ी से शिक्षा पाकर निकले बहुत से विद्यार्थी आज कई राजकीय विभागों की सेवाओं में कार्यरत है परन्तु शिक्षा बड़ी तो राजनीति भी बड़ी ओर आज इस ग्राम का राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तो सुविधाओं से समपन्न है परन्तु राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय कोटड़ी सुविधाओं से झूझ रहा है।कोटड़ी ग्राम के निवासित लोग सुविधाओं से समपन्न है परन्तु अब कोटड़ी गांव के साधन समपन्न लोग बुलाने पर भी भामाशाह बन विद्यालय की दशा सुधारनें नही आते। यहां के विद्यालय से पढ़लिख कर कई युवा राजकीय कर्मचारियों ओर अमीरों की श्रेणी में आ गये है अब उनके बालक-बालिका तो गांव छोड़ कस्बे,शहर के निजी स्कूलों में चले गये।अब यहां गरीब और मध्यम परिवार के 33 बालक ओर 75 बालिकाएं कुल 108 विद्यार्थी स्कूल मे अध्ययनरत है जिन्हें 6 शिक्षक विद्या अध्ययन करा रहे है।ब्लॉक समग्र शिक्षा से सन्दर्भ व्यक्ति चिंकी गालव शनिवार को विद्यालय अवलोकन के लिए पहुंचीं तो वहां नियुक्त शिक्षकों ने बताया कि इस वर्ष तेज वर्षात होने से विद्यालय भवन के चारों ओर पानी भरा हुआ है सड़क ऊची है और विधालय का तल नीचा है विद्यालय में पिछले कई महीनों से हैण्डपम्प खराब पड़ा है उसकी पुरानी राडे उसमे ही गिर गयी है अब पीने के शुद्ध पानी का संकट उतपन्न हो गया है। बालक-बालिकाएं घर से पानी की बोटल लाते है जो खत्म होते ही घर जाना पडता है।मिडडे-मील बनाने में समस्या आ रही है।बालक-बालिकाओं के शौचालय भी वर्षाती पानी से क्षतिग्रस्त हो पिछले वर्ष से ही टूट चुके है।विधालय भवन में अब सोलतपुरा स्कूल के बालक भी आ रहे है क्योंकि वो भवन क्षतिग्रस्त हो गया है।भवन के चारों ओर पानी भरा है निकासी का मार्ग नही है ऐसे में यह भवन भी बैठक ले सकता है।विद्यालय के इंचार्ज शिक्षक साहू नें ओर एसएमसी के सदस्यों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विद्यालय की समस्याओं के लिए अब ग्राम के पैसे वाले भामाशाह आगे नही आयेगे।पानी,शौचालय,बाउंड्री निर्माण और विद्यालय के आसपास स्थित खेल मैदान के गड्डों में मिट्टी डलने की समस्याओं के निदान हेतु ग्राम पंचायत सहित विभाग के जलदाय,सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित विभाग के उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी गयीं परन्तु वही ढाक के तीन पात यानी अस्वासन के सिवा अब तक कुछ नही मिला ग्रामीणों ने कहा सरकार हिन्दी स्कूलों को तो सुविधा दे नही पा रही अंग्रेजियत की ओर बढ़ रही जर्जर सरकार ग्रामीणों में शिक्षा के प्रति सरकार का आर्थिक सम्बलन नही मिलने से भारी रोष का माहौल है।।