बारां । राज्य के खान एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा खरीफ 2021-22 के क्लेम भुगतान नही होने एवं खरीफ 2022-23 के क्रियान्वयन को लेकर ओम बिरला म अध्यक्ष लोकसभा नई दिल्ली एवं नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय कृषि मंत्री नई दिल्ली को पत्र लिखकर किसानों को राहत पहुंचाने का आग्रह किया है।
मंत्री भाया ने ओम बिरला एवं नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा के वर्तमान प्रावधान अनुसार बीमित फसलों की सात वर्षो के औसत उपज को आधार मानकर क्षति की गणना की जाती है। उल्लेखनीय है कि न केवल बारां बल्कि हाडौती संभाग में विगत चार-पांच वर्षो में अतिवृष्टि की वजह से फसल खराब होने के कारण औसत उपज काफी हद तक घटी है जिसके कारण कृषको को बीमा क्लेम का फायदा न होकर बीमा कम्पनी को सीधा फायदा मिल रहा है एवं किसानो को लूटा जा रहा है। भाया ने कहा कि बारां जिले में खरीफ 2019 में 2004 कृषको का भुगतान डाटा मिसमेच के कारण रोका गया था एवं वर्तमान में केवल 515 कृषको को राशि 1.5 करोड का भुगतान हुआ है शेष कृषको का भुगतान आज दिनांक तक भी बीमा कम्पनी द्वारा नहीं किया गया है। जिसकी वजह से किसानो को बीमा कम्पनी से भरोसा उठता जा रहा है।
भाया ने खरीफ 2021-22 में अपने पूर्व पत्रांक ।ध्968 दिनांक 09.09.2022 से भी किसानों को क्लेम दिलवाने के लिए निवेदन किया था परन्तु आज दिनांक तक बीमा कम्पनी द्वारा कृषको को भुगतान नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि खरीफ 2021 में 55252 कृषको द्वारा बीमा करवाया गया था जिनका कुल प्रीमियम 64 करोड 45 लाख 35 हजार रूपये कृषक, राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा बीमा कम्पनी को भुगतान की गई है।
भाया ने बताया कि खरीफ 2022 में बारां जिले में 22 अगस्त को हुई अतिवृष्टि के कारण फसल खराबा हुआ था एवं पुनः माह अक्टूबर में दिनांक 05 से 11 तारीख तक बेसौमस बरसात होने के कारण जिले में व्यापक स्तर पर कटी हुई एवं खडी हुई फसलो में खराबा हुआ है, जो कि सभी फसलो में 40 से लेकर 100 प्रतिशत तक है। खरीफ 2022 में 83370 कृषको द्वारा 65 करोड 57 लाख 27 हजार रूपये का प्रीमियम कृषक, राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा बीमा कम्पनी को भुगतान किया गया है। किसान भाईयों द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा हेतु अधिसूचित कम्पनी एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्श कम्पनी ऑफ इण्डिया लिमिटेड को 72 घण्टे के अन्दर सूचित करने का प्रावधान है परन्तु इस संबंध में कृषको को कई समस्याओ का सामना करना पड रहा है:-
1. बीमा कम्पनी का टोल फ्री नम्बर निष्क्रिय है। कृषक द्वारा बार-बार फोन करने पर भी समस्या दर्ज नही हो पाती है हर समय लाईन व्यस्त बताता है जिससे कृषको में व्यापक रोष व्याप्त है।
2. प्रत्येक कृषक के पास ऐण्ड्रायड फोन नहीं होने के कारण फसल बीमा ऐप का उपयोग नही कर पाते है।
3. कम्पनी की ई-मेल आई डी पर भी मेल कराने हेतु संबंधित ई-मित्र पर जाते है तो कृषको को कहीं तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
4. फसल कटाई प्रयोग जिनके आधार पर फसल क्लेम की गणना की जाती है, को ऑफलाईन भी मान्य किये जावें।
5. कृषको की व्यक्तिगत शिकायते कम्पनी प्रतिनिधि के द्वारा ऑफलाईन स्वीकार नहीं की जा रही है इसलिए कृषकों को भटकना पड़ रहा है।
6. कृषको की मांग है कि शिकायत दर्ज करवाने की समय सीमा को 72 घण्टे से बढाकर एक सप्ताह किया जावे एवं प्रकिया की सरल किया जावे।
मंत्री प्रमोद भाया ने दोनों को अवगत करवाते हुए कृषकों के हित में योजना प्रावधानों में उचित बदलाव किये जाने के साथ ही फसल बीमा कम्पनी को अतिशीघ्र बीमा क्लेम भुगतान करने हेतु निर्देशित करने का आग्रह किया है।