लोकेशन अटरू
रिपोर्टर प्रदीप शर्मा
अटरू
कबीर पंथ के संत कुशल दास जी महाराज के द्वारा बजाज शोरूम पर सत्संग का आयोजन किया गया जिसमें संत कुशल दास जी महाराज ने मनुष्य जीवन जीने की कला के बारे में विस्तार से बताया कि जीव को जीव से प्रेम करना चाहिए राम किसी को मारे नहीं, नहीं राम का काम अपने आप मर जाएंगे ,कर कर खोटे काम करनी करे तो क्यों डरे ,क्यों करके पछताए। बोया पेड़ बबूल का, आम कहां से होए संत के द्वारा बताया गया भगवान तो जीव के मन आत्मा में बसता है मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा मैं नहीं आज हर प्राणी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे पर जाकर मन को शांति मिलने के लिए भटक रहा है पर मन की शांति तो किसी गरीब दुखी को भोजन ,प्यासे को नीर पिला ने, दीन दुखी को देखकर दुखी होने उनसे उन में भगवान रहते हैं मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे बनाने से ज्यादा फल आश्रम, गौशाला निर्माण ,अस्पताल अनाथ आश्रम , गरीबों के लिए शिक्षा के लिए विद्यालय गरीब की सेवा करने से प्राप्त होता है जीव को जीवो से प्रेम करना चाहिए चार वेद, छह शास्त्र 8 पुराणो मैं बात मिली है जावे दुख दिया दुख होता है सुख दिया सुख होय जो चींटी में भी भगवान देख लेता है वह उसका कल्याण हो जाता है संत कुशल दास महाराज के द्वारा प्रधान वंदना नागर व सरपंच रामेश्वर नागर को प्राणी मात्र की सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रहने के लिए आशीर्वाद दिया संत द्वारा आज वंदना नागर की रसोई में पवित्र कर भोजन प्रसादी की व्यवस्था करवाए