खाद के चलते सरसो की फसल में नही कर रहे पलेवा , फसलो को बचाने के लिये मशक्कत

इटावा

एक तरफ किसानों की इस बार खरीफ की फसलें खराब हो गयी तथा जो अरमान फसलो पर थे वह धरे के धरे मौसम की मार ने रख दिये। इस बार रबी की फसलों की बुवाई के समय पहले डीएपी खाद की कमी ने परेशान किया अब यूरिया खाद के लिये तो किसानों को भूखे प्यासे कतारों में लगकर एक दो कट्टो का इंतजाम कर पाता है। क्षेत्र में यूरिया की कमी के चलते किसानों को सरसों की फसल में पानी नही दे पा रहे है जिसके चलते फसले खराब तक होने लगी है। जिसके चलते अब यूरिया की कमी और नेताओं के आश्वसनो के आगे किसान बेबस व निराश दिख रहा है।

 

जल्द सुबह ही लग जाती है कतारे

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खाद के लिये किसानों की परीक्षा हो रही है एक तरफ फसल को बचाने के लिये मेहनत करनी पड़ रही है वही दूसरी ओर खाद पाने के लिये भूखे प्यासे कतारों में लगने के बाद दो कट्टे मिल पाते है। इटावा मार्केंटिंग सहकारी में सुबह ही सेकड़ो किसानों की लंबी कतारें लग जाती है जब पता चलता है कि आज खाद नही आएगा तो निराश होकर लौट जाते है। इसके अलावा निजी डीलरों के यहां खाद आता है तो बिजोलियो के माध्यम से महंगे दामो में बिक जाता है। और किसान मायूस वापस अपने घर पहुचता है।

 

तीन दिन बाद 1100 कट्टे आये तीन तीन कट्टे किये वितरित

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इटावा क्रय विक्रय सहकारी समिति तीन दिन बाद शुक्रवार को 1100 कट्टे यूरिया आये जिनका वितरण किया गया। जैसे ही खाद आने की सूचना किसानों को मिली तो सैकड़ो किसानों की लंबी कतारें लग गयी इसके बाद पुलिस के पहरे में खाद का वितरण किया गया। इटावा क्रय विक्रय सहकारी समिति के व्यवस्थापक सीताराम मीना ने बताया कि जैसे जैसे खाद प्राप्त हो रहा है वैसे ही सहकारी संस्थाओं व मार्केटिंग के माध्यम से वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 1100 कट्टे यूरिया आया था जिसमे प्रत्येक किसान को तीन तीन कट्टे वितरित कर वितरण किया गया। वही क्षेत्र की ग्राम सेवा सहकारियों में भी खाद पहुँच रहा है जिसका वितरण किया जा रहा है।

 

चूल्हा चौका छोड़ फसल बचाने के लिये खाद पाने की मशक्कत

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इस समय खाद की कमी से हो रही फसल खराब होने से बचाने के लिये किसान ही नही महिलाये भी जल्द सुबह ही मार्केंटिंग में कतारों में लग जाता है। जब उनसे पूछा कि चूल्हा चौका छोड़ लाइन में तो परिवार की जिम्मेदारी कोन सभाल रहा है तो महिलाओं के जवाब थे कि खेती ही नही बचेगी तो परिवार क्या करेंगे दो – चार दिन भूखे रह लेंगे लेकिन खाद मिल जाये तो फसलो में समय पर पानी लग जाये। खाद लेने के लिये पुलिस के पहरे में किसानों के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं की भी लम्बी कतार खाद पाने की लाइनों में नजर आती है।