बारां। अन्जुमन इत्तेहाद ए बाहमी जिला बारां के प्रवक्ता रईस फलाही ने बताया कि अंजुमन इत्तेहाद ए बाहमी जिला बारां के सदर अहतशाम उद्दीन सिद्दीकी के नैतृत्व में एक 15 सदस्यीय दल बुधवार को जिला कलक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक से मिला और दोनों अधिकारियों को अलग-अलग ज्ञापन देकर 3 मई को ईदुल फितर की नमाज के समय कब्रिस्तान कालाढिया में बने मन्दिर से ध्वनि प्रसारण यंत्रों से तेज आवाज में पूजा अर्चना एवं आरती आदि करने से जो नमाज में विघ्न पैदा हुआ उस विघ्न पैदा होने से समाज में रोष व्याप्त हो गया। समाज के बुजुर्गों ने समाज के नव-युवकों को उस समय धैर्य रखने व विधि अनुसार कार्यवाही करने की समझाईश की थी। उस समय नव-युवक मान गया था। रात में इस सम्बन्ध में एक मीटिंग आयोजित की गई जिसमें इन दोनों अधिकारियों को ज्ञापन देने का निर्णय किया गया। नमाज के समय मन्दिर के पुजारी व मन्दिर समिति के लोगों ने मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के निश्चित उद्देश्य एवं आशय से मुस्लिम समाज की श्रवणगोचरता में ध्वनि विस्तारण यंत्र से ऐसे शब्द उच्चारित किये जो मुस्लिम समाज की नमाज में बाधक होकर मुस्लिम समाज को ठेस पहुंचाने वाले व धार्मिक भावनाओं को एवं क्रियाकलापों को आह्त पहुंचाने वाले थे। उल्लेखनीय है कि 16 फरवरी 2014 को तत्कालीन अतिरिक्त जिला कलक्टर बारां के समक्ष मन्दिर समिति पुजारी एवं मुस्लिम समाज के बीच एक समझौता हुआ था जिसके बिन्दु नंबर 07 में यह स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि ईदगाह पर किसी भी मुस्लिम धार्मिक कार्यक्रम के समय इस मन्दिर पर कोई ऐसा कार्यक्रम नहीं होगा, जिससे मुस्लिम धार्मिक कार्यक्रम में बाधा उत्पन्न हो। इसी आशय का ज्ञापन देकर मांग की गई कि जिन व्यक्तियों ने यह अपकृत्य किया है इनके विरूद्ध मामला दर्ज कर प्रशासन इस बात के लिए कारगर कदम उठाये कि इस तरह के कृत्य की पुनरावृति ना हो। जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने ज्ञापन लेकर मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों को उचित कार्यवाही किये जाने का आश्वासन दिया। ज्ञापन देने वालों में अंजुमन इत्तेहाद ए बाहमी के सैकेट्री आबिद हुसैन अंसारी, खाजिम हाजी वसीम भाई, शुरा के सदस्य अब्दुल अजीज उर्फ अज्जु भाई, मुफ्ती मोहम्मद उमर, मौलवी इम्तियाज, इफ्तिखार अहमद उर्फ बबलू भाई बक्से वाले, अंजुमन इत्तेहाद ए बाहमी की यूथ विंग के सदर दिलशाद खान, अंजुमन इत्तेहाद ए बाहमी तह0 बारां के सदर डॉ. जाकिर खान, दावल पीर अखाड़ा के अरबाब खान आदि मुस्लिम समाज के गणमान्य सदस्य थे।
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