आगरा: महिला को बुर्का पहनाकर बनाया फर्जी मालकिन, फर्जीवाड़ा कर बेचा प्लॉट, पांच आरोपियों को जेल
आगरा में शास्त्रीपुरम योजना में एटा की महिला के खाली प्लॉट पर प्रापर्टी डीलर की नजर पड़ गई। इसको बेचने के लिए फर्जी मालकिन तैयार की गई। उसे बुर्का पहनाकर एक ढाबा संचालक के नाम पावर ऑफ अटार्नी करा दी। इसके बाद प्लॉट की रजिस्ट्री कराई। 14 लाख रुपये में प्लॉट उसी दिन बेच दिया। शिकायत पर सीओ हरीपर्वत एएसपी सत्य नारायण ने जांच की। सोमवार को एडीए कर्मचारी सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि एटा निवासी फरहाना फिराज के नाम कई साल पहले शास्त्रीपुरम में 60 वर्ग मीटर का प्लॉट आवंटित हुआ था। उन्होंने अपने नाम रजिस्ट्री नहीं कराई। उनके नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी थी। प्लॉट खाली पड़ा था। इस पर शास्त्रीपुरम के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर सुनील गुप्ता की नजर पड़ गई। शिवा कुंज निवासी सत्यप्रकाश एडीए में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। प्रॉपर्टी डीलर ने सत्यप्रकाश से संपर्क किया। उसकी मदद से प्लॉट की जानकारी निकलवा ली।
आरोपियों ने ऐसे बेच दिया प्लॉट
एसपी सिटी ने बताया कि शास्त्रीपुरम के रहने वाले ढाबा संचालक प्रेमचंद को पावर ऑफ अटार्नी कराने के लिए तैयार किया गया। उससे कहा कि कोई रुपया खर्च नहीं होगा। इसके बाद एक महिला को तैयार किया। उसे बुर्का पहनाकर लाया गया। इसके बाद प्रेमचंद के नाम पर पावर ऑफ अटार्नी कराई गई। पश्चिमपुरी निवासी रौतान सिंह ने पूरा खर्चा किया।
एडीए में प्रार्थना पत्र देकर सत्यप्रकाश की मदद से प्रेम के नाम पर रजिस्ट्री करा दी गई। इसके बाद आरोपियों ने उसी दिन प्लॉट एसपी शर्मा को बेच दिया। रकम को आपस में बांट लिया। एडीए में शिकायत मिलने पर पुलिस को जांच के लिए पत्र लिखा गया। इसके बाद रविवार को थाना सिकंदरा में मुकदमा दर्ज किया गया। सोमवार को पांच आरोपियों को जेल भेजा गया।
महिला की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी पुलिस
एसपी सिटी ने बताया कि प्रेमचंद, सुनील गुप्ता, रूप बसंत, रौतान सिंह और सत्यप्रकाश को जेल भेजा गया है। रूप बसंत ने भी फर्जीवाड़े में सहयोग किया। सुनील गुप्ता प्रापर्टी डीलर है। पूर्व में एडीए में दलाली करता है। उसे प्रतिबंधित किया गया है। रूप बसंत सिंचाई विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। जमीन बिकवाने का काम करता है। रौतान सिंह ने कागजी कार्रवाई के लिए रुपये खर्च किए। महिला हाथ नहीं आई है। उसकी तलाश की जा रही है।