संशोधित प्रेस विज्ञप्ति दिनांक-30.04.2022
सादर प्रकाशनार्थ
अप्रैल मई माह का बिजली बिल माफ करे सरकार- सिंघवी
शहरी एवं ग्रामीण क्षैत्रो मे भेदभाव क्यों
छबडा विधायक व पूर्व मंत्री प्रतापसिंह सिंघवी ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार बिजली उपलब्ध करवाने मे शहरी एवं ग्रामीण क्षैत्र मे भेदभाव कर रही है। जहां शहरी क्षैत्र मे 1 घंटे से लेकर 3 घंटे तक वो भी तय समय मे जानकारी देकर बिजली कटौती कर रही है जबकि ग्रामीण ईलाको मे अघोषित विधुत कटौती की जा रही है मात्र 4 से 6 घंटे बिजली ग्रामीण ईलाको मे दी जा रही है। जिसका भी कोई समय तय नही है। हाडौती क्षैत्र मे ग्रामीण ईलाको मे इस वर्ष लहसन का रकबा बहुत अधिक था किसान फसल के कम भाव होने की वजह से आर्थिक रूप से बदहाली का शिकार हो रहा है ऐसी हालत मे सरकार किसानो की आर्थिक स्थिति को मध्यनजर रखते हुए अप्रैल माह के बिजली बिल माफ कर किसानो को राहत देनी चाहिये क्योंकि सरकार ग्रामीण ईलाको मे शहरी क्षैत्रो की अपेक्षा समान रूप से बिजली नही पंहुचा पा रही है।
सिंघवी ने कहा कि राज्य सरकार को ग्रामीणो की चिंता नही है बिजली का बिल माफ करने का झूठा दावा करने वाली सरकार अपने बिजली बिलो मे स्थाई शुल्क, नगरीय उपकर, जल संरक्षण उपकर के नाम से आम जनता से मोटी राशि वसूल रही है सिंघवी ने सरकार से शहरी व ग्रामीण ईलाको मे बिजली समान रूप से उपलब्ध कराते हुए अप्रैल मई माह के बिलो को माफ करने की मांग की है।