लोकेशन अटरू
रिपोर्टर प्रदीप शर्मा
अटरू का नाम अटलपुरी के नाम से विख्यात था। पंडित मूलचंद मालवीय ने बताया कि अटलपुरी में गढ़गच का बड़ा विशाल शिव मंदिर था ।जिसके दरवाजे के ऊपर मेडे पर गणेश जी महाराज की मूर्ति स्थापित थी ।जिसे मुगल शासन काल में औरंगजेब द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। उसके पश्चात मंदिर के पुजारी के सपने में आकर गणेश जी महाराज ने कहा कि मेरे लिए चबूतरा बना दो मैं वहां विराजमान होऊँगा। तो पंडित जी ने वहां पर चबूतरा बनवा दिया। उसके बीच 25 दिनों तक पंडित जी इंतजार करते रहे ।उसके बाद एक दिन कुंड की दीवार फटी और एक धमाका हुआ ।सब लोग कुंड की तरफ देखने को गये उसी समय चबूतरे पर गणेश जी महाराज की प्रतिमा विराजमान हुई ।इसके बाद बारह नगरी के राजा कुआर पंथी उन्होंने इस मंदिर का वह गांव का निर्माण किया। उसके बाद से ही अटल पूरी को गजानन धाम से भी जाना जाता है ।उस समय से यहां पर गणेश चौथ पर प्रथम पूजा व श्रंगार पंचोली परिवार द्वारा किया जाता है। जो आज तक परंपरागत रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा चला आ रहा है ।पंडित मूलचंद जी मालवीय, पंडित बिरधी लाल मालवीय, पंडित ओम प्रकाश मालवीय ,पंडित रमेश मालवीय , पंडित मुकेश शर्मा,पवन मालवीय, महेंद्र शर्मा,भगवान शर्मा समस्त श्री गोड परिवार पूजा करते आये हें।